Tuesday, August 28, 2007

गिनी गुणांक (coefficient)


गिनी गुणांक (gini coefficient) आय मे असमानता या सम्पत्ति मे असमानता को प्रदर्शित करता है एशियन डवलपमेंट बैंक(ADB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले दसक में भारत का गिनी गुणांक बड़ा है इसका अभिप्राय है कि भारत सरकार की संयुक्त विकास एवं निष्पक्ष विकास की नीतियाँ समता लानें के प्रयास में असफल रही हैं कुछ लोग इस बात से खुश हो सकते हैं कि भारत के गिनी गुणांक में चीन की अपेक्षा कम वृधि हुयी है किंतु यह केवल भ्रम है वास्तव में २०% निम्तर स्तर एवं २०% उच्चतम स्तर के के लोगों के खरीद करने की छमता से पता चलता है की चीन में सभी लोगों अमीर, गरीब के जीवन स्तर में सुधर हुआ है भारत में गरीबों के जीवन स्तर में बहुत कम सुधार हुआ है गरीबों की खरीद करने की छमता में केवल .८९ % की वृधि हुयी है गरीब एवं अमीर के बीच बदते इस अन्तर से भारत को सीख लेनी चाहिए और योजनाओं में परिवर्तन लाना चाहिए ताकी सामाजिक समानता एवं संयुक्त विकास का सपना सच हो सके

आय कि ये असमानता विकास में बढ़ा तो डालती ही है और भी बहुत सारी समस्याओं को जन्म देती है नेपाल जो कि गिनी गुणांक में सबसे ऊपर है के सन्दर्भ में ADB का कहना है कि यह असमानता राजनैतिक अशांति का कारण बन सकती है यद्यपि भारत का गिनी गुणांक गुणक १९९३ के ३२.९ के मुक़ाबले २००४ में ३६.२ है और हम सुरुआती देशों में नही हैं कितु समय रहते हमारी सरकार और लोगों को उचित कदम उठाने कि जरुरत है ताकी हम जापान और कोरिया कि भांति संयुक्त विकास कर विकसित देश बनें


जय हिंद जय भारत
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अश्वनी कुमार
[सदस्य समता संघर्ष सेना मुन्ना पुरवा कानपुर (देहात)]

full report can be downloaded from http://www.adb.org/Documents/Books/Key_Indicators/2007/default.asp

Friday, August 24, 2007

समता एक विचार

समता संघर्ष सेना एक विचार है एक क्रांति है समता का अभिप्राय ये नही है की हर व्यक्ति समान हो समान तरह से जिए समता का अर्थ तो ये है की हर व्यक्ति को इतने न्यूनतम साधन मिलें की वो समाज मे सम्मान से जी सके सबको समझ सके एवं उंचा उठने की बारे मे सोंच सके आज अगर आप समाज के किसी भी भाग को देखें वो असमानताओं से भरा हुआ है चाहे वो ग्रामीण समाज हो या सहरों का नौकरी पेशा वर्ग कोई १५ लाख का फ़ोन नम्बर ले रहा है तो किसी के पास इलाज के लिया पैसे भी नहीं हैं सहर मे बच्चा १० हजार के कम्प्यूटर गेम खेल रहा है और गांव मे बच्चे के पास पुस्तकें नहीं हैं अगर हम इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे की भारत वर्ष मे सदैव एक सभ्य और सौम्य समाज रहा है प्रत्येक व्यक्ति के पास जीविका का उचित साधन रहा है गुणों की पूजा हुयी है और प्रत्येक व्यक्ति को मौका मिला है चाहे वो अकबर के दरबार मे बीरबल हों या कृष्ण देव राय के यहां तेनाली राम गुणों को सदैव सर्वश्रेष्ठ मना गया है हर व्यक्ति को जीने का सुअवसर मिला है भारत की अर्थव्यवस्था सदैव से ही समाजवादी थी भारत मे समाजवाद का पतन उपनिवेशवाद से प्रारम्भ हुआ लोगों मे घूश लेने देन का चलन हुआ स्वार्थ मे लोग अंधे होने लगे इन्ही सब कारणों के चलते भारत के लोगों को २०० वर्षों तक दासता में जीना पड़ा अब लोगों को समझ आने लगा था कि बिना एकता भाईचारे और सामाजिक मूल्यों के संपन्न आभाव में स्वस्थ समाज कि स्थापना नहीं की जा सकती यह सोंच ही स्वतंत्रता आन्दोलन का कारण बनीं और देश स्वतंत्र हुआ
राष्ट्रीय आन्दोलन से प्राप्त मूल्यों को स्वतंत्र भारत के पराम्भिक वर्षों में सम्मान मिला संविधान मे समानता सुनिश्चित करने का भरपूर प्रयास किया गया प्रारम्भ मे सफलता भी मिली किंतु अंग्रजों के बनाये ढांचे को बदले बिना लालच और स्वार्थ को मिटाना मुश्किल था प्रारंभिक वर्षों की सफलता के चलते इस पर ध्यान नहीं दिया गया आज उसी का नतीजा है की लोग लालच और स्वार्थ मे अंधे हो चुके हैं और ज्यादा से ज्यादा सम्पती कमाना चाते हैं उसके लिया उन्हें चाहे जो देना पड़े यहां तक की आत्मसम्मान इस दौड़ मे जो आगे निकले वो सत्ता और शाशन के बहुत क़रीब जा पहुंचे और शोषक बन गए जो पीछे रहे वो शोषित समाज का हिस्सा बने आज देश मे लोग अपने ही लोगों के गुलाम हैं लोकतंत्र तो केवल छलावा है जब तक आर्थिक समानता नही होती हम वास्तव मे गुलाम हैं
समता संघर्ष सेना का उद्देश्य भारत मे फैली विषमता को खत्म करना है हमारा प्रयास ये नहीं होगा की हम अमीरों से छीन लेंगे और गरीबों में बाँट देंगे हमारा प्रयास ये है की हम बीमार ढांचे में सुधार करेंगे और मानव मूल्यों के आधार पर नई व्यवस्था कायम करेंगे जिसमे प्रत्येक व्यक्ति सम्मान के साथ जी सकेगा और स्वस्थ समाज की स्थापना हो सकेगी क्योंकि इस समाज में लोग परार्थी होंगे
आप यह सोंच रहे होंगे ये मूलभूत बदलाव कैसे होगा तो आप जान लें की यह एक क्रांति होगी ज्ञानोदय की क्रांति और हम इसके लिए प्रयासरत हैं

जय हिंद जय भारत
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अश्वनी कुमार
[सदस्य समता संघर्ष सेना मुन्ना पुरवा कानपुर (देहात)]